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होशियार लड़का (कोरिया की लोककथा)

 किसी गाँव में एक चरवाहे का जवान बेटा चीमो रहता था।  वह प्रतिदिन अपनी भेड़ें चराने के लिए चारागाह में जाता था। वह भोर होते ही अपनी भेड़ों के साथ चारागाह की ओर निकल पड़ता था और सूर्यास्त से ठीक पहले ही लौट आता था।

एक दिन वह चरागाह में किसी जगह बैठा कुछ सोच रहा थाअचानक उसकी आँखों में चमक आ गई और उसने उत्साह से अपनी फर वाली टोपी हवा में उछाल दी।

दुर्भाग्य से फर की टोपी पास से गुजर रहे एक घोड़े के सिर पर गिर गयी जिसके कारण घोड़ा डर गया और डरकर वह अपने पिछले पैरों पर खड़ा हो गया। घोड़े के ऐसा करने से बेचारा घुड़सवार घोड़े से गिर गया।

वह घुड़सवार शहर के सबसे अमीर व्यापारी का बेटा था। वह कीमती सुन्दर कपड़े पहन कर अपने पिता के किसी काम से जा रहा था। इस अचानक से हुई घटना से वह युवक आक्रोशित हो गया। वह उठा और अपने कपड़े झाड़े। वह चरवाहे लड़के पर चिल्लाया, "बेवकूफ लड़के! क्या तुम्हें कोई समझ नहीं हैतुमने मेरे घोड़े को डरा दिया और मैं गिर गया।"

चीमो बोला, "मैंने खुशी में अपनी टोपी उछाल दी थी। मुझे नहीं पता था कि यह घोड़े के सिर पर गिर जाएगा और ऐसा कुछ हो जाएगा।“

"ऐसी कौन सी बात पर इतना खुश हो रहे थेमुझे सुनने दो। खुशकिस्मती से मुझे गंभीर चोट नहीं आयी, अगर मुझे गंभीर चोट लगती तो मैं तुम्हें जरूर एक थप्पड़ मार देता।"

चीमो ने बताया, "मेरे पिता ने मेरे सामने एक पहेली रखी थी और मैंने उसका उत्तर दे दिया।"

"पहेली क्या थी?"

"ऐसी कौन सी चीज़ है जो आदमी से ऊंची है लेकिन मुर्गी से छोटी है?"

"वह क्या हो सकता है?"

क्या तुम्हें भी उत्तर नहीं मालूम?”

"मुझे पता हैमूर्ख। लेकिन मैं यह तुमसे सुनना चाहता हूँ," युवक ने चतुराई से कहा।

चीमो ने गर्व से बताया, "एक टोपी। सिर पर यह हमेशा एक आदमी से ऊंची होती है। लेकिन नीचे जमीन पर यह मुर्गी से भी छोटी होती है।"

चीमो की चतुराई से युवक प्रसन्न हुआ, "तुम बहुत चतुर हो। अब अगर तुम मुझे कुछ ला दोगे तो मैं तुम्हें बहुत सारा इनाम दूंगा। कल जब मैं वापस यहां आऊंगा तब मेरे लिए एक भेड़ तैयार रखना पर ध्यान रहे वह काली नहीं होनी चाहिए। सफ़ेदस्लेटीमिश्रित काला और सफ़ेद या किसी अन्य रंग का।"।

इतना कहकर युवक चला गया। और चीमो ने इसके बारे में सोचा और सोचा।

अगले दिनवह अपनी भेड़ें चरा रहा था। लौटते समय वह युवक अपने घोड़े पर सवार होकर आया। उसने पूछा, "क्यों प्यारे लड़के! क्या तुम्हें वह भेड़ मिल गयी जो मैंने माँगी थी?"

चीमो ने ख़ुशी से जवाब दिया, "हाँमहोदय। मुझे मिल गया। उसे मैंने घर पर ही रखा है। आप अपने आदमी को भेजकर इसे किसी भी समय ले सकते हैं। लेकिन याद रखें कि आपका आदमी रविवारसोमवारमंगलवारबुधवारगुरुवारशुक्रवार नहीं होना चाहिए, और शनिवार को वह सुबहशाम या रात को नहीं आना चाहिए।“

युवक जोर से हंसा और बोला, "मैं तुम्हारी चतुराई से बहुत प्रसन्न हूं। इनाम के रूप में ये पांच सोने के सिक्के ले लो। और याद रखनाअगर तुम्हें कभी भी नौकरी की जरूरत हो तो सीधे मेरे पास आना।"

युवक ने सिक्के और अपना पता चीमो को बता दिया। और मुस्कुराते हुए अपने घोड़े पर बैठा अपने घर की ओर चल पड़ा।

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