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डींगें हांकने का नतीजा (इटली की लोक कथा)

एनोवा और ग्रीट्स घनिष्ठ मित्र थे। वे एक-दूसरे के ह्रदय के बहुत करीब थे। वे अपना समय एक-दूसरे के साथ व्यतीत करना पसंद करते थे। कुछ समय पश्चात् मोरियो नाम के एक व्यक्ति से उनकी मुलाकात हुई और वह भी उनका ख़ास दोस्त बन गया।

एक बार एक पार्टी में खाना खाते समय मोरियो को कुछ सूझा और वह जोर-जोर से बात करने लगा। उसकी ऊँची आवाज़ सुनकर बाकी लोगों उन तीनों की ओर देखने लगे।

मोरियो डींगें हांकने लगा और उसने दावा किया, "मैं जिस घर में रहता हूं, वह आश्चर्य से भरा हुआ है। यदि आप एक कमरे में जोर से कुछ भी बोलते हैं तो दूसरे कमरे में उसकी गूंज सुनाई देती है।" एनोवा ने बड़े आश्चर्य से पूछा, "सचमुच! एक कमरे की बात दूसरे कमरे में कैसे गूंज सकती है? यह कैसे संभव है?"

मोरियो ने कहा, "यह कोई सामान्य प्रतिध्वनि नहीं है। आवाज़ एक बार नहीं बल्कि दस बार गूँजती है। यदि तुम एक कमरे में मेरा नाम जोर से पुकारोगे तो दूसरे कमरे में मेरा नाम दस बार गूँजेगा।"

"वास्तव में!" सभी ने मोरियो की ओर देखा। पार्टी में एक अमीर आदमी भी मौजूद था। वह मोरियो की डींगें हांकना बर्दाश्त नहीं कर सका। उसे सबसे ज्यादा नापसंद यह लगा कि सबका ध्यान मोरियो की तरह और उस पर कोई ध्यान नहीं दे रहा था। उसने जोर से कहा, "तुम्हारे कमरों से दस बार आवाजें गूंजती हैं? यह कोई बड़ी बात नहीं है। मेरी हवेली में तो बीसों बार आवाजें गूंजती हैं।"

अब सबका ध्यान अमीर आदमी की ओर चला गया जिससे वो खुश हो गया। मोरियो भी आश्चर्यचकित था। एनोवा ने कहा, “ऐसा कैसे संभव हो सकता है। यह असंभव है कि किसी कमरे में एक ध्वनि बीस बार गूँज सकें।"

अमीर आदमी ने तर्क दिया, "यह संभव क्यों नहीं है? आप नहीं जानते कि मेरी हवेली कितनी पुरानी है। आप मेरी हवेली में आ सकते हैं और इसे खुद देख सकते हैं।"

यह सुनकर अनेक लोग उसके दावे का सच जानने के लिए हवेली आने की इच्छा व्यक्त करने लगे। इस बात ने अमीर आदमी को परेशानी में डाल दिया। उसे उम्मीद थी कि वास्तव में कोई भी उनके दावे का परीक्षण नहीं करना चाहेगा। अब वह लोगों को अपने घर आने से नहीं रोक सकता था.

एनोवा और ग्रिट्स ने पूछा, "अच्छा सर, हम आपके घर कब आएंगे?" अमीर आदमी को उन्हें अगली शाम को आमंत्रित करना पड़ा।

अमीर आदमी अब बहुत चिंतित था। अगली शाम लोग आएँगे और उसके कमरों में कोई गूँज नहीं होगी। यह उसके लिए बहुत शर्म की बात होगी। उसने अपनी पत्नी को अपनी समस्या बताई। उन्होंने बातचीत करके एक योजना बनाई।

 

योजना के अनुसार अमीर आदमी ने अपने पुराने वफादार नौकर पिएरो को बुलाया और उसे योजना के बारे में बताया। पिएरो को अगले कमरे से सटी एक कोठरी में छिपना था। जब अमीर आदमी पुकारेगा तो उसे उस बात को बीस बार दोहराना होगा।

नियत समय पर लोग अमीर आदमी की हवेली पर पहुँचे एनोवा और ग्रीट्स भी आ चुके थे। अमीर आदमी ने पुकारा, "एनोवा! एनोवा!" दूसरे कमरे में बीस बार एनोवा के नाम की गूँज उठी जिसे लोग बड़े आश्चर्य से सुनते रहे। गूँज सुनने के लिए लोग एक-दूसरे का नाम पुकारते रहे और जाहिर सी बात थी पिएरो अपने मालिक के आदेशानुसार उन्हें दोहराता रहा।

संयोग से उनमें से एक व्यक्ति का नाम पियरो था। उसके मित्र ने उसका नाम जोर से पुकारा, "पियरो! पियरो! आप कहाँ हैं?" इस बार प्रतिध्वनि की जगह उत्तर आया, "सर! मैं यहाँ हूँ। आ रहा हूँ सर!"

और पियरो कोठरी से बाहर आ गया। उसने सोचा कि उसके मालिक ने उसे मेहमानों की सेवा के लिए बुलाया है। ज्यादा लोगों के होने से शोर ज्यादा था लेकिन कुछ लोगों को एहसास हुआ कि उन्होंने आखिरी आवाज की गूँज नहीं सुनी। एनोवा को भी संदेह हुआ तो उसने भी आवाज लगाई लेकिन इस बार कोई प्रतिध्वनि नहीं थी। लोगों को अब पता चल गया कि उन्हें धोखा दिया गया है। उनमें से कई गुस्से में अमीर आदमी की ओर बढ़े। एनोवा ने गरजते हुए कहा, "क्या तुम्हें हमें धोखा देने के लिए खुद पर शर्म नहीं आती?" कुछ तो उसे मारने के लिए आगे बढ़ने लगे तब अमीर आदमी ने गिड़गिड़ाते हुए कहा, "कृपया मुझे माफ कर दीजिए। मुझे बहुत खेद है। मैं फिर कभी आपके साथ कोई गलत काम नहीं करूंगा।"

लोग उस अमीर आदमी का मज़ाक उड़ाते हुए चले गये। उसने निश्चय किया कि वह फिर कभी घमंड नहीं करेगा और न ही डींगें हांकेगा। मोरियो की बेवकूफी भरी बातें सुनकर उसने जो मूर्खता की थी उससे उसकी बेइज्जती तो हुई ही, वह मार खाने से बाल-बाल बच गया। इसलिए अगर कोई मूर्ख कुछ बोल रहा है तो हमें अपना विवेक खोकर उसके जैसा मूर्ख नहीं बनाना चाहिए।

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